The Companies Act 1956 In Hindi

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CA PCC/IPCC

1

1-

The Companies Act, 1956

कंपनी की पकृती (Nature of Company)

कंपनी की पिरभाषा एवं अथर (Definition and Meaning) कंपनी कंपनी का अथर एक ऐसी कंपनी से है जो इस अिधिनयम के अंतगरत कंपनी अिधिनयम धारा 3 (1)(i) िनिमरत एवं पंजीकृत हुई हो। यह एक िवदमान कंपनी भी हो सकती है। की धारा 3 जिसटस माशरल जिसटस जेमस पो॰ हने

िवदमान कंपनी िवदमान कंपनी का अथर ऐसी कंपनी से है जो िपछले कंपनी अिधिनयम धारा 3 (1)(II) के अंतगरत िनिमरत तथा पंजीकृत हुई हो। कंपनी एक कृितम मानव है। इसकी कोई शारीिरक िसथित नही है। यह अदृशय और असपृशय है। यह केवल कानून की कलपना है। कंपनी सामानय पयोजन के िलए मनुषय का एक संघ है। कंपनी कानून के दारा बनाया गया एक कृितम वयिकत है िजसका पृथक तथा सथायी अिसततव तथा सावरमुदा होती है।

जिसटस िलंडले

• • • • • • •

कंपनी मनुषयो का एक संघ है ये मनुषय धन अथवा धन के मूलय समान अंशदान देते है (एकितत िकया हुआ अंशदान)। धन के रप मे िकया गया अंशदान कंपनी की पूंजी कहलाता है। वयिकत जो की पूंजी मे अंशदान करते है कंपनी के सदसय कहलाते है पूंजी को िकसी वयापार मे लगाया जाता है। पतयेक सदसय पूंजी के एक िहससे का हकदार होता है उसके इस िहससे का अंश (शेयर) कहा जाता है। उसे सदसय आपस मे बाटते है। शयर साधारण हसतातिरणीय होते है। हालािक हसतातिरणीय हक पायः पितबंिधत होते है।

कंपनी के िविशष गुण अथवा लकण कंपनी एक 1- समािवष संघ

समािवष संघ है कंपनी का अिनवायर पंजीकरण कंपनी के सदसयो की संखया

कंपनी अिधिनयम के अंतगरत िदये गए िनयम एवं आवशयकताओं को पूरा करके कंपनी का समामेलन होता है। यिद संसथा के सदसयो की संखया 20 से अिधक होतो इस संसथा का कंपनी के रप मे समामेलन आवशयक है। कंपनी के सदसयो की संखया िनम पकार से होनी चािहए कंपनी की पकृित िनजी कंपनी सावरजिनक कंपनी

2- कृितम मनुषय

3- पृथक वैदिनक

अिसततव िनगिमत वयिकत

• • • • •

कंपनी कंपनी कंपनी कंपनी

नयूनतम सदसय 2 7

अिधकतम सदसय 50 कोई सीमा नही

एक कृितम वयिकत है एक फजी वयिकत नही है एक नागिरक नही है मानवीय पितिनिधयो के दारा कायर करती है

समामेलन होने पर कंपनी वैधािनक वयिकत बन जाती है। िजसका अिसततव इसे बनाए वाले वयिकतयो से पृथक होता है। • पृथक वैधािनक की वयाखया पिसद वाद सोलोमन बनाम सोलोमन एंड कंपनी मे की गयी है।

4- सथायी अिसततव

कयोिक कंपनी की पहचान, अपने सदसयो से अलग होती है, एक सदसय की मृतयु, िदवािलया, पागलपन, इतयािद के हो जाने पर कंपनी की िनरंतरता पर कोई असर नही पड़ेगा। अतः यह कहा जा सकता है की एक कंपनी िनरंतर चलती रहती है चाहे की इसके सदसय एवं िनदेशक रहे या ना रहे।

5- सीिमत दाियतव

कंपनी अपने सदसयो से अलग वैधािनक वयिकत है। अतः कंपनी के सदसयो को देनदारी के िलए िजममेदार नही ठहराया जा सकता है। कंपनी के सदसयो की देनदारी कुल इतनी होगी िजतनी की उसने बनती होगी जैसा की एकट तथा सीमािनयम मे पसतिवत है।

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6- सावरमुदा

कयोिक कंपनी एक कृितम वयिकत होती है अतः या पपतो पर हसतकर नही कर सकती। अतः कंपनी को कंपनी के अिभकता (एजेट) जोिक कंपनी की ओर से काम कर रहे है तथा पमािणत करते है की वे कंपनी की ओर से कायर कर रहे है।

7- अंशो का अंतरण

सामानय पावधान

पबंधन से अलगाव

10संपित

पृथक

11-

मुकदमा करने का सामथयर तथा अपने मान पर मुकदमा होना

अंश चल संपित है अंश हसतातरण के योगय है। अंशो का हसतातरण धारा 82 के अंतगरत िवसतृत तरीके से िकया जा सकता है

• िवशेष पावधान

9- मािलकनो का





सावरजिनक कंपनी के अंशो का सवतंत रप से हसतातरण िकया जा सकता है। • िनजी कंपनी के अंशो का हसतातरण सीिमत होता है। • कंपनी का पबंधन बोडर या बोडर के िनदेशको दारा चुने हुये सदसयओं जो की पितिनिध होते है, के हाथ मे होता है। • िनदेशको की िनयुिकत तथा उनका हटाया जाना सदसयो के दारा होता है। अतः अिधिनयम ने यह सुिनिशत िकया है की कंपनी का पूणर िनयंतण सदसयो के हाथ मे रहे।

• •

एक कंपनी अपने नाम से संपित खरीदने , पयोग करने तथा बेचने मे कर सकती है। कोई सदसय अपने आप को कंपनी के जीवाकाल मे कंपनी की संपित का सवामी नही कहा जा सकता चाहे कंपनी समापत होएन का समाया आ भी जाए। • अंशधारी तो कंपनी की संपित का बीमा करने के योगय सुिवधा भी नही



एक कंपनी वैधािनक कृितम वयिकत होता है। अतः यह दूसरे पर मुकदमा कर सकता है तथा इसके नाम पर भी मुकदमा चलाया जा सकता है। • ऋणदाता केवल कंपनी से अपमे कलैम माग सकता है तथा अंशधािरयो के िवरद कायरवाही नही कर सकते है।

पृथक वैधािनक अिसततव का िसदानत कंपनी का अपने मािलको से एक अलग अिसततव होता है जोिक सवािमयो से अलग पृथक होती है। अथर ककककक कक ककककककक कक कककक कककक सोलोमन बनाम सोलोमन एंड िम॰ सोलोमन जूता बनाने का वयापार कर रहे थे िजसमे वह एकमात सवामी थे। यह वयापार चलाने कंपनी िलिमटेड के िलए उसने एक कंपनी ‘सोलोमन एंड कंपनी िलिमटेड’ के नाम से बनाई। कंपनी दारा खरीद पितफल का भुगतान 1- कुल पितफल 39000 £ 2- नकद भुगतान 9000 £ 3- कंपनी का सोलोमन को अंश आवंटन करना पूणर भुगतान 1 पित शेयर 20000 £ 4- सोलोमन का सुरिकत ऋणपत िदये 10000 £ शेष सदसय सोलोमन के पिरवार के सदसय थे िमसटर सोलोमन के पिरवार के 6 सदसयो को पित एक शेयर िदया गया। सोलोमन एंड कंपनी ‘एकल कंपनी’ थी कयोिक सोलोमन ही अगसर शेयर होलडर थे तथा शेष सभी सोलोमन दारा िनयुकत थे (अथात सोलोमन के पास ही एक तरह से पूरी अंशपूंजी थी) सोलोमन एंड कंपनी को सामानय रप से एकल कंपनी कहा जाता है। सोलोमन पबंधन पर कंटोल था, सोलोमन एंड कंपनी का पबंध िनदेशक था। कंपनी के ऋण िनसतारण पर कजर देने मे असमथरता वयापार के दौरान कंपनी ने ऋणदाताऑ से 7000 £� उधर िलए। वयापार मे ठहराव के कारण कंपनी को िवतीय परेशािनया झेलनी पड़ी और इस पकार िनसतार मे चली गयी। पिरसंपितयो से केवल 6000� £िमल पाया। कककककककक कक ककककक यह िनणरय िदया गया की सोलोमन एंड कंपनी सच मे ऐसी कंपनी थी िजसने कानूनी मागे पूरी कर रखी थी। इसकी पहचान अपने सदयो से अलग थी और इसिलए सुरिकत ऋणपतो का भुगतान पहले िकया जाएगा तथा शेष देनदरो का भुगतान बाद मे िकया जाएगा।

ली बनाम ली फोिमरगं िलिमटेड॰

• •

ली एक योगय पायलट था उसने वासतिवक रप से सभी शेयर के रखे थे और वह अकेला ही िनयंतक िनदेशक

• •

वह कंपनी से मुखय पायलट होने के नाते वेतन भी ले रहा था कर के दौरान उसकी एक दुघरटना मे मौत हो गई

था।

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कंपनी मे उसकी िनयुिकत वैधािनक थी कयोिक वह कंपनी के कमरचारी होने के नाते मारा था, उसकी िवधवा पितफल की अिधकारी है।

बाशा एफ़॰ गुजदार बनाम किमशर ऑफ इनकम टेकस



पथम वैधािनक अिसततव िनयम लागू करने का िनिहताथर



एक कंपनी के दारा कृिष वयवसाय चलाया जा रहा था। कृिष वयापार से होने वाली आय करमुकत होती है। • अंशधारक ने तकर िदया की कयोिक लाभाश कृिष आय थी इस िलए उसे पापत होने वाली आय कर मुकत है। • कोटर मे िनणरय िदया की कंपनी एक अगल वयिकत है एक शेयर होलडर को पापत होने वाला लाभाश कंपनी के दारा कमाया गया कृिष आय नही है अतः यह करयोगय होगी एक कंपनी अपने सदसयो और िनदेशको की एजेट नही होती है

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