Sri Cakra Avarana Devata Gayatri.docx

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Sri Cakra avarana devata gayatri ३-कएईलह्रीं त्रिपुरसुन्दरर त्रिद्महे ३-हसकहलह्रीं परठकात्रित्रि धरित्रह ३-सकलह्रीं तन्नःक्लिन्ने प्रचोदयात् ३-ऐं हसक्षमलयऊं कामेश्वराय विद्महे - िरीं सहक्षमलिरयऊं शक्तीश्वराय धीमवह स ः यरलिक्षमयऊं तन्नो आत्म प्रचोदयात् षडङ्ग दे वता ३-हृदयदे व्यै त्रिद्महे ििःपदस्थायै धरित्रह तन्नो दे िर प्रचोदयात् ३-वशरोदे व्यै च त्रिद्महे स्वाहाकारायै धरित्रह तन्नो दे िर प्रचोदयात् ३-वशखादे व्यै च त्रिद्महे िषट् कारायै धरित्रह तन्नो दे िर प्रचोदयात् ३-किचदे व्यै त्रिद्महे हुङ्कारायै च धरित्रह तन्नो दे िर प्रचोदयात् ३- नेत्रदे व्यै च त्रिद्महे ि षट् कारायै धरित्रह तन्नो दे िर प्रचोदयात् ३- अस्त्रदे व्यै च त्रिद्महे फट् कारायै च धरित्रह तन्नो दे िर प्रचोदयात् तततितित्या दे वता ३-कािेश्वयै त्रिद्महे त्रित्यक्लिन्नायै धरित्रह तन्नो त्रित्या प्रचोदयात् ३- भगिात्रलन्यै त्रिद्महे सिविशङ्कयै धरित्रह तन्नो त्रित्या प्रचोदयात् ३-त्रित्यक्लिन्नायै त्रिद्महे त्रित्यिदद्रिायै धरित्रह तन्नो त्रित्या प्रचोदयात् ३-भेरुण्डायै त्रिद्महे त्रिषहरायै धरित्रह तन्नो त्रित्या प्रचोदयात् ३-ित्रििात्रसन्यै त्रिद्महे त्रसक्लिप्रदायै धरित्रह तन्नो त्रित्या प्रचोदयात् ३-िहािज्रेश्वयै त्रिद्महे िज्रत्रित्यायै धरित्रह तन्नो त्रित्या प्रचोदयात् ३-त्रशिदू त्यै त्रिद्महे त्रशिङ्कयै धरित्रह तन्नो त्रित्या प्रचोदयात् ३- त्वररतायै त्रिद्महे िहात्रित्यायै धरित्रह तन्नो त्रित्या प्रचोदयात् ३- कुलसुन्दयै त्रिद्महे कािेश्वयै धरित्रह तन्नो त्रित्या प्रचोदयात् ३- त्रित्या त्रित्यायै त्रिद्महे त्रित्या भैरव्यै धरित्रह तन्नो त्रित्या प्रचोदयात् ३- िरलपताकायै त्रिद्महे िहावनत्यायै धरित्रह तन्नो त्रित्या प्रचोदयात् ३- त्रिजया दे व्यै त्रिद्महे िहावनत्यायै धरित्रह तन्नो त्रित्या प्रचोदयात् ३- सिविङ्गलायै त्रिद्महे चन्द्राक्लिकायै धरित्रह तन्नो त्रित्या प्रचोदयात् ३-ज्वालािात्रलन्यै त्रिद्महे िहाज्वालायै धरित्रह तन्नो त्रित्या प्रचोदयात् ३-त्रित्रचिायै त्रिद्महे िहावनत्यायै धरित्रह तन्नो त्रित्या प्रचोदयात् ३-कएईलह्रीं त्रिपुरसुन्दरर त्रिद्महे ३-हसकहलह्रीं परठकात्रित्रि धरित्रह ३-सकलह्रीं तन्नःक्लिन्ने प्रचोदयात् गु रुमण्डल दे वता ३-उड्डरशिाथाय त्रिद्महे श्ररदु िाव ससे धरित्रह तन्नः क त्रलः प्रचोदयात् ३-षष्ठिाथाय त्रिद्महे श्ररकुिाराय धरित्रह तन्नः लक्ष्रः प्रचोदयात्

३-त्रिििाथाय त्रिद्महे श्ररकण्ठाय धरित्रह तन्नः कुक्लजः प्रचोदयात् ३-हीं सहीं साय त्रिद्महे परिहीं साय धरित्रह तन्नो हीं सःप्रचोदयात् प्रिमावरण दे वता ३-अत्रििात्रसद्ध्यै त्रिद्महे िराभयहस्तायै धरित्रह तन्न:त्रसक्लिः प्रचोदयात् ३- लत्रििात्रसद्ध्यै त्रिद्महे त्रित्रधिाहिायै धरित्रह तन्न:त्रसक्लिः प्रचोदयात् ३-ित्रहिात्रसद्ध्यै त्रिद्महे िहात्रसद्ध्यै धरित्रह तन्न:त्रसक्लिः प्रचोदयात् ३- ईत्रशत्वत्रसद्ध्यै त्रिद्महे जगद्व्यात्रपकायै धरित्रह तन्न:त्रसक्लिः प्रचोदयात् ३-ित्रशत्वत्रसद्ध्यै त्रिद्महे शोिििाव यै धरित्रह तन्न:त्रसक्लिः प्रचोदयात् ३- प्राकाम्यत्रसद्ध्यै त्रिद्महे त्रित्रधिाहिायै धरित्रह तन्न:त्रसक्लिः प्रचोदयात् ३- भुक्लित्रसद्ध्यै त्रिद्महे िहात्रसद्ध्यै धरित्रह तन्न:त्रसक्लिः प्रचोदयात् ३-इच्छात्रसद्ध्यै त्रिद्महे पद्महस्तायै धरित्रह तन्न: त्रसक्लिः प्रचोदयात् ३-रसत्रसद्ध्यै त्रिद्महे भिित्सलायै धरित्रह तन्न: त्रसक्लिः प्रचोदयात् ३-मोक्षत्रसद्ध्यै त्रिद्महे िहावनममलायै धरित्रह तन्न: त्रसक्लिः प्रचोदयात् ३- ब्राह्मशक्त्यै त्रिद्महे परतििाव यै धरित्रह तन्नो ब्राह्मर प्रचोदयात् ३- श्वेतििाव यै त्रिद्महे शूलहस्तायै धरित्रह तन्नो िाहे श्वरर प्रचोदयात् ३-त्रशक्लििाहिायै त्रिद्महे शक्लिहस्तायै धरित्रह तन्नो क िारर प्रचोदयात् ३-श्यािििाव यै त्रिद्महे चक्रहस्तायै धरित्रह तन्नो िैष्णिर प्रचोदयात् ३- श्यािलायै त्रिद्महे हलहस्तायै धरित्रह तन्नो िाराहर प्रचोदयात् ३- श्यािििाव यै त्रिद्महे िज्रहस्तायै धरित्रह तन्नो िाहे न्द्रर प्रचोदयात् ३- कृष्णििाव यै त्रिद्महे शू लहस्तायै धरित्रह तन्न: चािुण्डा प्रचोदयात् ३- परतििाव यै त्रिद्महे पद्महस्तायै धरित्रह तन्न: लक्ष्र: प्रचोदयात् ३-सिवसींक्षोत्रभण्यै त्रिद्महे िरहस्तायै धरित्रह तन्नो िुद्रा प्रचोदयात् ३-सिवत्रिद्रात्रिण्यै त्रिद्महे िहाद्रात्रिण्यै धरित्रह तन्नो िुद्रा प्रचोदयात् ३-सिाव कत्रषवण्यै त्रिद्महे िहािुद्रायै धरित्रह तन्नो िुद्रा प्रचोदयात् ३-सिविशङ्कयै त्रिद्महे िहािश्यायै धरित्रह तन्नो िुद्रा प्रचोदयात् ३-सिोन्मात्रदन्यै त्रिद्महे िहािायायै धरित्रह तन्नो िुद्रा प्रचोदयात् ३-सिविहाङ्कुशायै त्रिद्महे शोिििाव यै धरित्रह तन्नो िुद्रा प्रचोदयात् ३-सिविेचयै त्रिद्महे गगिििाव यै धरित्रह तन्नो िुद्रा प्रचोदयात् ३-बरजरूपायै त्रिद्महे िहाबरजायै धरित्रह तन्न:िुद्रा प्रचोदयात् ३-सिवयोन्यै त्रिद्महे त्रिश्वजिन्यै धरित्रह तन्नो िुद्रा प्रचोदयात् ३-सिवत्रििण्डा त्रिद्महे त्रिकाक्लिकायै धरित्रह तन्नो िुद्रा प्रचोदयात् तिपु रा चक्रेश्वरी

३- त्रिपुरायै त्रिद्महे कािेश्वयै धरित्रह तन्न: क्लिन्ना प्रचोदयात् तितीयावरण दे वता ३-कािाकत्रषवण्यै त्रिद्महे रििस्त्रायै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् ३-बुद्ध्याकात्रषवण्यै त्रिद्महे बुद्ध्याक्लिकायै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् ३-अहङ्काराकात्रषवण्यै त्रिद्महे अहङ्काराक्लिकायै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् ३-शब्दाकात्रषवण्यै त्रिद्महे सिवशब्दाक्लिकायै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् ३-स्पशाव कात्रषवण्यै त्रिद्महे स्पशाव क्लिकायै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् ३-रूपाकात्रषवण्यै त्रिद्महे रूपाक्लिकायै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् ३-रसाकात्रषवण्यै त्रिद्महे रसाक्लिकायै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् ३-गन्धाकात्रषवण्यै त्रिद्महे गन्धाक्लिकायै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् ३-त्रचत्ताकात्रषवण्यै त्रिद्महे त्रचत्ताक्लिकायै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् ३-धैयाव कात्रषवण्यै त्रिद्महे धैयाव क्लिकायै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् ३-स्मृत्याकात्रषवण्यै त्रिद्महे स्मृत्रतरूत्रपण्यै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् ३-िािाकात्रषवण्यै त्रिद्महे िािाक्लिकायै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् ३-बरजाकात्रषवण्यै त्रिद्महे बरजाक्लिकायै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् ३-आिाकात्रषवण्यै त्रिद्महे आिस्वरूत्रपण्यै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् ३-अिृताकात्रषवण्यै त्रिद्महे अिृतस्वरूत्रपण्यै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् ३-शररराकात्रषवण्यै त्रिद्महे शररराक्लिकायै धरित्रह तन्न: कला प्रचोदयात् तिपु रेशी चक्रेश्वरी ३- त्रिपुरेश्यै त्रिद्महे कािेश्वयै धरित्रह तन्न: क्लिन्ना प्रचोदयात् तृ तीयावरण दे वता ३-अिङ्गकुसुिायै त्रिद्महे रिकञ्चुकायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-अिङ्गिेिलायै त्रिद्महे पाशहस्तायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-अिङ्गिदिायै त्रिद्महे शरहस्तायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-अिङ्गिदिातु रायै त्रिद्महे धिुहवस्तायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-अिङ्गरे िायै त्रिद्महे दरिवकेत्रशन्यै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-अिङ्गिेत्रगन्यै यै त्रिद्महे सृत्रिहस्तायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-अिङ्गाङ्कुशायै त्रिद्महे त्रित्यिेत्रदन्यै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-अिङ्गिात्रलन्यै यै त्रिद्महे सुप्रसन्नायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् तिपु र सुन्दरी चक्रेश्वरी ३- त्रिपुरसुन्दयै त्रिद्महे कािेश्वयै धरित्रह तन्न: क्लिन्ना प्रचोदयात् चतु िाावरण दे वता ३-सिवसींक्षोत्रभण्यै त्रिद्महे बािहस्तायै धरित्रह तन्न: शक्लिः प्रचोदयात् ३-सिवत्रिद्रात्रिण्यै त्रिद्महे कािुवकहस्तायै धरित्रह तन्न: शक्लिः प्रचोदयात्

३-सिाव ह्लात्रदन्यै त्रिद्महे जगद्व्यात्रपन्यै धरित्रह तन्न: शक्लिः प्रचोदयात् ३-सिवसम्मोत्रहन्यै त्रिद्महे जगन्मोत्रहन्यै धरित्रह तन्न: शक्लिः प्रचोदयात् ३-सिवस्तक्लिण्यै त्रिद्महे जगत्स्तक्लिण्यै धरित्रह तन्न: शक्लिः प्रचोदयात् ३-सिवजृक्लिण्यै त्रिद्महे जगद्रत्रिन्यै धरित्रह तन्न: शक्लिः प्रचोदयात् ३-सिविशङ्कयै त्रिद्महे लोकिशङ्कयै धरित्रह तन्न: शक्लिः प्रचोदयात् ३-सिवरत्रिन्यै त्रिद्महे िैडूयवििाव यै धरित्रह तन्न: शक्लिः प्रचोदयात् ३-सिोन्मात्रदन्यै त्रिद्महे जगन्मायायै धरित्रह तन्न: शक्लिः प्रचोदयात् ३-सिाव थवसात्रधन्यै त्रिद्महे पुरुषाथव दायै धरित्रह तन्न: शक्लिः प्रचोदयात् ३-सिवसम्पत्प्रपूररण्यै त्रिद्महे सम्पताक्लिकायै धरित्रह तन्न: शक्लिः प्रचोदयात् ३-सिविन्त्रिय्यै त्रिद्महे िन्त्रिािे धरित्रह तन्न: शक्लिः प्रचोदयात् ३-सिवद्वन्द्द्वक्षयङ्कयै त्रिद्महे कालाक्लिकायै धरित्रह तन्न: शक्लिः प्रचोदयात् तिपु रवातसिी चक्रेश्वरी ३- त्रिपुरिात्रसन्यै त्रिद्महे कािेश्वयै धरित्रह तन्न: क्लिन्ना प्रचोदयात् पञ्चमावरण दे वता ३-सिवत्रसक्लिप्रदायै त्रिद्महे श्वेतििावयै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-सिवसम्पत्प्रदायै त्रिद्महे िहालक्ष्म्यै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-सिवत्रप्रयङ्कयै त्रिद्महे कुन्दििाव यै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-सिविङ्गलकाररण्यै त्रिद्महे िङ्गलाक्लिकायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-सिवदु:ित्रििोत्रचन्यै त्रिद्महे हषवप्रदायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-सिविृत्यप्रशिन्यै त्रिद्महे सिवसिरत्रिन्यै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-सिव त्रिघ्नत्रििाररण्यै त्रिद्महे सिवकािायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-सिाव ङ्गसुन्दयै त्रिद्महे जगद्योन्यै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-सिवस भग्यदात्रयन्यै त्रिद्महे जगज्जिन्यै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् तिपु राश्री चक्रेश्वरी ३- त्रिपुरात्रश्रयै त्रिद्महे कािेश्वयै धरित्रह तन्न: क्लिन्ना प्रचोदयात् षष्ठावरण दे वता ३-सिवज्ञायै त्रिद्महे िहािायायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-सिवशक्त्यै त्रिद्महे िहाशक्त्यै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३- सिैश्वयवप्रदायै त्रिद्महे ऐश्वयाव क्लिकायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-सिवज्ञाििय्यै त्रिद्महे ज्ञािाक्लिकायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-सिवव्यात्रधत्रििात्रशन्यै त्रिद्महे औषधाक्लिकायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-सिाव धारस्वरूत्रपण्यै त्रिद्महे आधाराक्लिकायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-सिवपापहरायै त्रिद्महे सिवतरथव स्वरूत्रपण्यै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-सिाव िन्दिय्यै त्रिद्महे िहािन्दायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात्

३-सिवरक्षास्वरूत्रपण्यै त्रिद्महे सिवरक्षािायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् ३-सिेक्लितफलप्रदायै त्रिद्महे फलाक्लिकायै धरित्रह तन्न: दे िर प्रचोदयात् तिपु रमातलिी चक्रेश्वरी ३- त्रिपुरिात्रलन्यै त्रिद्महे कािेश्वयै धरित्रह तन्न: क्लिन्ना प्रचोदयात् सप्तमावरण दे वता ३- ित्रशन्यै त्रिद्महे पुस्तकहस्तायै धरित्रह तन्नो िाचा प्रचोदयात् ३-कािेश्वयै त्रिद्महे िागरश्वयै धरित्रह तन्नो िाचा प्रचोदयात् ३- िोत्रदन्यै त्रिद्महे िहािाण्यै धरित्रह तन्नो िाचा प्रचोदयात् ३- त्रििलायै त्रिद्महे िालाधरायै धरित्रह तन्नो िाचा प्रचोदयात् ३- अरुिायै त्रिद्महे श्वेतििाव यै धरित्रह तन्नो िाचा प्रचोदयात् ३- जत्रयन्यै त्रिद्महे िहािागरश्वयै धरित्रह तन्नो िाचा प्रचोदयात् ३- सिेश्वयै त्रिद्महे सिमिागरश्वयै धरित्रह तन्नो िाचा प्रचोदयात् ३- क त्रलिरदे व्यै त्रिद्महे कुलिागवगायै धरित्रह तन्नो िाचा प्रचोदयात् तिपु रातसद्धा चक्रेश्वरी ३-त्रिपुरात्रसिायै त्रिद्महे कािेश्वयै धरित्रह तन्न: क्लिन्ना प्रचोदयात् आयुध दे वता ३-िहाबात्रिन्यै त्रिद्महे पुष्पाक्लिकायै धरित्रह तन्नो बािा प्रचोदयात् ३-पुष्पचात्रपन्यै त्रिद्महे पुण्डराक्लिकायै धरित्रह तन्नो चापा प्रचोदयात् ३-पुष्पपात्रशन्यै त्रिद्महे पाशछे त्रदन्यै धरित्रह तन्नो पात्रशिर प्रचोदयात् ३-अङ्कुत्रशन्यै त्रिद्महे पुष्पाक्लिकायै धरित्रह तन्नः सृत्रिः प्रचोदयात् अष्टमावरण दे वता ३-कािरूपिात्रसन्यै त्रिद्महे ब्रह्मशक्त्यै धरित्रह तन्नः कािेश्वरर प्रचोदयात् ३-पूिवत्रगररस्थायै त्रिद्महे त्रिष्णुशक्त्यै धरित्रह तन्नः िज्रेश्वरर प्रचोदयात् ३-जालन्धरस्थायै त्रिद्महे रुद्रशक्त्यै धरित्रह तन्नः भगिात्रलिर प्रचोदयात् ३-ओड्यािस्थायै त्रिद्महे परब्रह्मशक्त्यै धरित्रह तन्नः सुन्दरर प्रचोदयात् तिपु राम्बा-चकेश्वरी ३-त्रिपुराक्लिकायै त्रिद्महे कािेश्वयै धरित्रह तन्नः क्लिन्ना प्रचोदयात् ॥ िवमावरण दे वता ३-कएईलह्रीं त्रिपुरसुन्दरर त्रिद्महे ३-हसकहलह्रीं परठकात्रित्रि धरित्रह ३-सकलह्रीं तन्नःक्लिन्ने प्रचोदयात् महातिपु रसुन्दरी-चकेश्वरी ३-कएईलह्रीं त्रिपुरसुन्दरर त्रिद्महे ३-हसकहलह्रीं परठकात्रित्रि धरित्रह ३-सकलह्रीं तन्नःक्लिन्ने प्रचोदयात्

पञ्चलक्ष्म्यः ३-श्ररत्रिद्यायै त्रिद्महे िहात्रश्रयै धरित्रह तन्नः श्ररः प्रचोदयात् ॥ ३-लक्ष्म्यै दे व्यै त्रिद्महे श्ररदे व्यै धरित्रह तन्नः श्ररः प्रचोदयात् ॥ ३-िहालक्ष्म्यै त्रिद्महे िहात्रश्रयै धरित्रह तन्नः श्ररः प्रचोदयात् ॥ ३-त्रिशक्लि लक्ष्म्यै त्रिद्महे िहाभैरव्यै धरित्रह तन्नः श्ररः प्रचोदयात् ॥ ३-साम्राज्यलक्ष्म्यै त्रिद्महे जयङ्कयै धरित्रह तन्नः श्ररः प्रचोदयात् ॥ पञ्चकोशाम्बाः ३-श्ररत्रिद्यायै त्रिद्महे िहाकोशे श्वयै धरित्रह तन्नः कोशा प्रचोदयात् ॥ ३-परञ्ज्योत्रतषे त्रिद्महे प्रििाक्लिकायै धरित्रह तन्नः कोशा प्रचोदयात् ॥ ३-परात्रिष्कलायै त्रिद्महे पराशािव्यै धरित्रह तन्नः कोशा प्रचोदयात् ॥ ३-अजपायै त्रिद्महे हीं साक्लिकायै धरित्रह तन्नः कोशा प्रचोदयात् ॥ ३-िातृ कायै त्रिद्महे िागरश्वयै धरित्रह तन्नः कोशा प्रचोदयात् ॥ पञ्चकल्पलताः ३-श्ररत्रिद्यायै त्रिद्महे कल्पलते श्वयै धरित्रह तन्नः कल्पलता प्रचोदयात् ॥ ३-पञ्चकािेश्वयै त्रिद्महे िहादे व्यै धरित्रह तन्नः कल्पलता प्रचोदयात् ॥ ३-पाररजाते श्वयै त्रिद्महे कािप्रदायै धरित्रह तन्नः कल्पलता प्रचोदयात् ॥ ३-त्रिकूटायै त्रिद्महे जगज्जिन्यै धरित्रह तन्नः कल्पलता प्रचोदयात् ॥ ३-पञ्चबािे श्वयै त्रिद्महे सिवसींक्षोत्रभण्यै धरित्रह तन्नः कल्पलता प्रचोदयात् ॥ पञ्चकामदु घाः ३-श्ररत्रिद्यायै त्रिद्महे कािदु िेश्वयै धरित्रह तन्नः कािदु िा प्रचोदयात् ॥ ३-अिृतपरठे श्यै त्रिद्महे अिृतश्वयै धरित्रह तन्नः कािदु िा प्रचोदयात् ॥ ३-सुधासूत्यै त्रिद्महे सुधाक्लिकायै धरित्रह तन्नः कािदु िा प्रचोदयात् ॥ ३-अिृतश्वयै त्रिद्महे त्रिश्वदरत्रपन्यै धरित्रह तन्नः कािदु िा प्रचोदयात् ॥ ३- अन्नपूिाव यै त्रिद्महे सिवसिरत्रिन्यै धरित्रह तन्नः कािदु िा प्रचोदयात् ॥ पञ्चरत्नाम्बा: ३-श्ररत्रिद्यायै त्रिद्महे रत्नेश्वयै धरित्रह तन्नः दे िर प्रचोदयात् ॥ ३-त्रसिलक्ष्म्यै त्रिद्महे रत्नेश्वयै धरित्रह तन्नः दे िर प्रचोदयात् ॥ ३-िातत्रङ्गन्यै त्रिद्महे रत्नेश्वयै धरित्रह तन्नः दे िर प्रचोदयात् ॥ ३-भुििेश्वयै त्रिद्महे रत्नेश्वयै धरित्रह तन्नः दे िर प्रचोदयात् ॥ ३-िाराह्यै त्रिद्महे रत्नेश्वयै धरित्रह तन्नः दे िर प्रचोदयात् ॥ षड् दशाि ३-ब िदशव ि दे व्यै त्रिद्महे तारायै धरित्रह तन्नो दे िर प्रचोदयात् ॥ ३-िैदरकदशव ि दे व्यै त्रिद्महे ब्रह्मस्वरूत्रपण्यै धरित्रह तन्नो सत्रिता प्रचोदयात् ॥ ३-िैष्णिदशव ि दे व्यै त्रिद्महे त्रिष्णु स्वरूत्रपण्यै धरित्रह तन्नो िारायिर प्रचोदयात् ॥

३-शै िदशव ि दे व्यै त्रिद्महे रुद्रस्वरूत्रपण्यै धरित्रह तन्नो रुद्रािर प्रचोदयात् ॥ ३-स रदशव ि दे व्यै त्रिद्महे सूयवस्वरूत्रपण्यै धरित्रह तन्नो दे िर प्रचोदयात् ॥ ३-शािदशव ि दे व्यै त्रिद्महे शाक्लिस्वरूत्रपण्यै धरित्रह तन्नो भुििेश्वरर प्रचोदयात् ॥ षडाम्नाय ३-सिोत्पत्यै त्रिद्महे त्रिश्वजिन्यै धरित्रह तन्नो उन्मिर प्रचोदयात् ॥ ३-सिवक्लस्थत्यै त्रिद्महे जगत्पात्रलन्यै धरित्रह तन्नो भोत्रगिर प्रचोदयात् ॥ ३-सिवसींहाररण्यै त्रिद्महे सृत्रिबरजायै धरित्रह तन्नो कुक्लजका प्रचोदयात् ॥ ३-त्रतरोधािेश्वयै त्रिद्महे ईश्वराक्लिकायै धरित्रह तन्नो कात्रलका प्रचोदयात् ॥ ३-शाििपरठस्थायै त्रिद्महे अिुग्रहाक्लिकायै धरित्रह तन्नो सदात्रशिा प्रचोदयात् ॥

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